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स्टार्टअप इंडिया 2025: कम फंडिंग के दौर में भी कौन जीत रहा है?
भारत में टेक स्टार्टअप्स ने 2025 की पहली छमाही (H1 2025) में कुल 4.8 बिलियन डॉलर की फंडिंग (Startup Funding) जुटाई है. यह पिछले साल यानी H1 2024 के मुकाबले 25% की गिरावट और H2 2024 के मुकाबले 19% की कमी को दर्शाता है. यह आंकड़े बाजार इंटेलिजेंस फर्म Tracxn द्वारा जारी किए गए हैं.
लेकिन यह गिरावट एक अलग कहानी भी बयान करती है. फंडिंग भले ही घटी हो, लेकिन भारत ग्लोबल लेवल पर तीसरे स्थान पर बना हुआ है. अमेरिका और ब्रिटेन के बाद, भारत ने जर्मनी, इज़रायल और चीन जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है. इसका साफ मतलब है—भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम अब केवल ग्रोथ के पीछे नहीं, ग्राउंड पर टिके मॉडल्स पर भरोसा कर रहा है.
भारत में अब स्मार्ट कैपिटल का दौर
जहां बड़ी फंडिंग डील्स की संख्या घटी है, वहीं कुछ सेक्टरों में अब भी भारी निवेश देखने को मिला है. Tracxn की रिपोर्ट के अनुसार, H1 2025 में सिर्फ 5 डील्स 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा की रहीं, जबकि H2 2024 में 9 और H1 2024 में 10 डील्स इस श्रेणी में थीं.
कुछ प्रमुख फंडिंग डील्स:
- Erisha E Mobility ने Series D में 1 बिलियन डॉलर जुटाए
- GreenLine ने Series A में 275 मिलियन डॉलर की फंडिंग पाई
- Infra.Market ने Series F में 222 मिलियन डॉलर जुटाए
यह संकेत है कि अब पैसा उसी स्टार्टअप में लग रहा है जो इंफ्रास्ट्रक्चर, क्लाइमेट टेक, और ईवी जैसे सेक्टरों में लंबी रेस के लिए बना है.
बेंगलुरु और दिल्ली के बाद अब छोटे शहरों की बारी
फंडिंग के मामले में बेंगलुरु ने 26% और दिल्ली-NCR ने 25% हिस्सेदारी हासिल की. हालांकि ये दो शहर लीड कर रहे हैं, लेकिन एक ट्रेंड साफ दिख रहा है—Tier 2 और Tier 3 शहरों से भी अब इनोवेशन की आवाज़ बुलंद हो रही है.
Startup Bharat के लिए यह बड़ा संकेत है. छोटे शहरों के युवा अब सिर्फ नौकरी नहीं, नई कंपनियां बनाने का सपना देख रहे हैं। सरकार की स्कीमें, डिजिटल इनफ्रास्ट्रक्चर और मोबाइल इंटरनेट की पहुंच ने इन सपनों को हकीकत से जोड़ना शुरू कर दिया है.
एंजेल इनवेस्टर्स की वापसी, फोकस अब शुरुआत पर
Tracxn के अनुसार, H1 2025 में LetsVenture, AngelList और Accel टॉप इनवेस्टर्स के रूप में उभरे.
इसका मतलब है कि अब ज्यादा ध्यान अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स पर है. बड़ी रकम भले न लगे, लेकिन इन्वेस्टर्स अब कम राशि में ज़्यादा भरोसेमंद और सॉलिड आइडियाज को तलाश रहे हैं.
Startup Bharat के लिए सबक
इस समय को "कम खर्च, लंबी रेस" वाला दौर कहा जा सकता है. स्टार्टअप्स को अब चाहिए:
- बर्न रेट कंट्रोल करें और रनवे बढ़ाएं।
- Tier 2 और Tier 3 शहरों की ज़रूरतों को समझें और समाधान दें
- IPO से ज़्यादा, M&A पर फोकस करें। Acquisition की तैयारी करें
- Sustainability, EV, क्लाइमेट, हेल्थटेक जैसे सेक्टर में प्लान करें
निवेशकों के लिए संकेत
इन्वेस्टर्स के लिए यह समय है गहराई से निवेश करने का, न कि केवल बड़े नामों के पीछे भागने का.
- जल्दी स्टेज पर निवेश करें, जहां वैल्यू दिख रही है
- भारत के छोटे शहरों की समस्याएं सुलझाने वाले स्टार्टअप्स पर ध्यान दें
- Collaborative निवेश को अपनाएं, जिससे रिस्क भी कम हो और स्केल भी हो
भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम ठहर नहीं रहा, परिपक्व हो रहा है
2025 की पहली छमाही ने यह दिखा दिया है कि फंडिंग (Funding News) का गिरना असफलता नहीं, बल्कि मार्केट का परिपक्व होना है.
India का स्टार्टअप इकोसिस्टम अब फ्लैश नहीं, फाउंडेशन पर केंद्रित हो रहा है. आने वाले महीनों में वही स्टार्टअप आगे बढ़ेंगे जो जमीन से जुड़े हैं, (Startup Bharat) कैश-फ्लो समझते हैं और असली भारत के लिए समाधान ला रहे हैं.