स्टार्टअप भारत की जीत : 1.80 लाख का ऐतिहासिक आंकड़ा पार!

भारत ने 1.80 लाख से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स के साथ ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है. इनमें से 40% से अधिक टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं, और 48% में महिला डायरेक्टर हैं। यह उपलब्धि भारत को वैश्विक इनोवेशन हब बना रही है.

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Team TICE
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हर घंटे एक स्टार्टअप! भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम पहुंचा ऐतिहासिक मुकाम

क्या आपने कभी सोचा था कि भारत में हर घंटे एक नया स्टार्टअप जन्म लेगा? जी हां, ये अब सिर्फ कल्पना नहीं, हकीकत है। देश का स्टार्टअप इकोसिस्टम एक ऐतिहासिक मुकाम पर पहुंच गया है—1.80 लाख से ज़्यादा स्टार्टअप अब तक DPIIT द्वारा मान्यता प्राप्त कर चुके हैं.

Startup India पोर्टल के मुताबिक, ये आंकड़ा अब 1,80,013 को पार कर चुका है, जो इस बात का सबूत है कि भारत में उद्यमिता अब सिर्फ मेट्रो शहरों की कहानी नहीं रही—बल्कि छोटे शहरों और गांवों में भी नवाचार की लहर दौड़ पड़ी है.

हर घंटे एक स्टार्टअप, हर तीसरे में महिला डायरेक्टर!

2014 में जहां केवल 350 स्टार्टअप दर्ज थे, वहीं आज 1.80 लाख से ज्यादा हो चुके हैं. यही नहीं, इनमें से 48% स्टार्टअप में कम से कम एक महिला डायरेक्टर है, जो बताता है कि यह लहर केवल पुरुषों की नहीं, महिलाओं की भी है.

17.6 लाख से ज्यादा नौकरियां सीधे इन स्टार्टअप्स ने दी हैं. और जानकर हैरानी होगी कि 40% से ज्यादा स्टार्टअप टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं. यह ‘भारत बनाम इंडिया’ नहीं, बल्कि Startup Bharatकी असली तस्वीर है.

नीति बदली, सोच बदली—और शुरू हुआ नया भारत

2014 के बाद सरकार ने स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए ज़मीनी स्तर पर कई बड़े कदम उठाए:

  • 1,562 पुराने कानून खत्म, और 40,000 से ज्यादा अनुपालन बोझ हटाए गए
  • स्पेस, ड्रोन, रक्षा, और भू-स्थानिक डेटा जैसे सेक्टर खोले गए
  • 12 श्रम और पर्यावरण कानूनों के तहत सेल्फ-सर्टिफिकेशन की सुविधा
  • स्टार्टअप को अब 90 दिन में बंद किया जा सकता है, जबकि सामान्य कंपनियों को 180 दिन लगते हैं

इसके साथ-साथ फंडिंग के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू कीं:

  • Startup India Seed Fund (₹945 करोड़ का आवंटन)
  • Fund of Funds for Startups (₹10,000 करोड़ का कोष)
  • Credit Guarantee Scheme for Startups

आईपीआर से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक, इनोवेशन हर मोर्चे पर

भारत में इनोवेशन केवल स्टार्टअप गिनने तक सीमित नहीं रहा:

  • 2023 में हर दिन औसतन 247 पेटेंट फाइल हुए—कुल 90,309 पेटेंट
  • 100 से ज्यादा जनरेटिव AI स्टार्टअप्स ने $600 मिलियन से ज्यादा फंडिंग जुटाई
  • बायोटेक स्टार्टअप्स की संख्या 10 साल में 50 से बढ़कर 9,000 हो गई, और इसमें ₹11.18 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है

चार से 118 यूनिकॉर्न: भारत की यूनिकॉर्न क्रांति

2014 में भारत के पास केवल 4 यूनिकॉर्न थे। आज ये संख्या 118 के पार है. नाम याद करिए—Zepto, PhysicsWallah, Krutrim, CoinSwitch, BharatPe, Unacademy, Ola Electric—ये सभी बीते 11 वर्षों में उभरे हैं.

सबसे खास बात? 60% यूनिकॉर्न फाउंडर्स ने पहली बार में ही अरबों की कंपनी बना दी. यह दिखाता है कि भारत का इकोसिस्टम अब केवल प्रयोग नहीं कर रहा—यह परिपक्व हो चुका है.

आत्मनिर्भर भारत से वैश्विक नवाचार शक्ति तक

आज भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया में तीसरे नंबर पर है—लेकिन इसकी रफ्तार और विविधता इसे जल्द ही विश्व का नेतृत्वकर्ता बना सकती है. BHASKAR प्लेटफॉर्म पर 5.6 लाख से ज्यादा यूज़र्स सक्रिय हैं—फाउंडर, निवेशक और इनक्यूबेटर सभी एक डिजिटल कम्युनिटी में आ रहे हैं. यह सिर्फ स्टार्टअप नहीं हैं—ये एक नई अर्थव्यवस्था, नई सोच और नए भारत की नींव रख रहे हैं.

भारत का स्टार्टअप सफर अभी खत्म नहीं हुआ—असल में यह तो अभी शुरू हुआ है। आने वाले वर्षों में हम देखेंगे:

  • और गहरे टेक्नोलॉजी इनोवेशन
  • और ज़्यादा ग्रामीण और महिला उद्यमी
  • और मजबूत घरेलू निवेश

अगर आप एक स्टार्टअप शुरू करने का सोच रहे हैं, तो ये सही समय है. भारत अब सिर्फ दुनिया की फैक्ट्री नहीं, इनोवेशन का पावरहाउस बन रहा है।

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