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IndiaAI Mission: ₹10,371 Cr से भारत बनाएगा अपना भरोसेमंद AI इकोसिस्टम
"जैसे UPI ने पेमेंट्स को बदला, वैसे ही AI भारत के विकास और वैश्विक नेतृत्व की कहानी लिखने जा रहा है।"
यह कहना है केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) का, जिन्होंने अभी लोकसभा में भारत की AI रणनीति को विस्तार से पेश किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘टेक्नोलॉजी का लोकतंत्रीकरण’ और ‘भारत-केंद्रित समस्याओं के समाधान’ के विजन से प्रेरित यह रणनीति न सिर्फ तकनीकी विकास को गति देगी, बल्कि रोजगार, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत को अग्रणी बनाएगी.
कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस | Artificial Intelligence (AI) | अब सिर्फ एक तकनीकी शब्द नहीं है। यह भारत के लिए आर्थिक प्रगति, रोजगार सृजन और वैश्विक नेतृत्व का एक नया माध्यम बन रहा है। भारत की यह नई रणनीति न केवल वैश्विक AI रेस में देश को आगे ले जाने की तैयारी है, बल्कि यह ग्रामीण भारत, युवाओं, स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स के लिए नए अवसरों का दरवाज़ा भी खोल रही है।
AI में भारत का बड़ा दांव: इनोवेशन, रोजगार और वैश्विक नेतृत्व के लिए समग्र रणनीति
भारत का सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र सालाना 250 अरब डॉलर से अधिक का राजस्व उत्पन्न करता है और 60 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है। Stanford AI Index के अनुसार, भारत दुनिया के अग्रणी AI क्षमताओं वाले देशों में शामिल है। GitHub पर भारत AI प्रोजेक्ट्स में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कंट्रीब्यूटर है, जो दर्शाता है कि देश में तकनीकी प्रतिभाओं और इनोवेशन की कोई कमी नहीं है।
IndiaAI मिशन: सात स्तंभों पर टिकी एक क्रांतिकारी योजना
मार्च 2024 में लॉन्च किया गया IndiaAI मिशन एक समग्र और दूरदर्शी प्रयास है, जो देश के AI इकोसिस्टम को लोकतांत्रिक, सुलभ और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
1. IndiaAI Compute: हाई-एंड कंप्यूटिंग तक सस्ती पहुंच
भारत सरकार ने 14 सेवा प्रदाताओं से 34,381 GPU जोड़े हैं। ये GPU अब सब्सिडी दरों पर उपलब्ध हैं—सिर्फ ₹65 प्रति घंटे और H100 GPU ₹92 प्रति घंटे पर। यह कीमतें वैश्विक क्लाउड बाजार की तुलना में काफी कम हैं।
2. IndiaAI एप्लिकेशन डेवलपमेंट: भारत-केंद्रित समाधानों पर ज़ोर
अब तक 30 एप्लिकेशन को मंजूरी दी जा चुकी है, जो स्वास्थ्य, कृषि, आपदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और सुशासन जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं। गृह मंत्रालय के सहयोग से 'CyberGuard AI Hackathon' का आयोजन भी किया गया है।
3. AIKosh डेटा प्लेटफॉर्म: नवाचार के लिए साझा डेटा
मार्च 2025 में लॉन्च हुआ AIKosh प्लेटफॉर्म अब तक 890 से अधिक डेटासेट, 208 AI मॉडल और 13 टूलकिट्स होस्ट कर रहा है। किसान कॉल सेंटर के 4 करोड़ किसान प्रश्नों वाला डेटासेट भी उपलब्ध है, जो एग्रीटेक स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ा संसाधन है।
4. IndiaAI फाउंडेशन मॉडल्स: भारतीय भाषाओं में जनरेटिव AI
भारतीय भाषाओं में Large Multimodal Models (LMMs) के विकास को बढ़ावा देने के लिए Sarvam AI, Soket AI, Gnani AI और Gan AI को पहले चरण में चुना गया है। इस पहल के तहत अब तक 500 से अधिक प्रस्ताव मिले हैं।
5. IndiaAI फ्यूचर स्किल्स: टियर-2 और टियर-3 भारत के लिए स्किल मिशन
500 पीएचडी, 5,000 पोस्टग्रेजुएट और 8,000 अंडरग्रेजुएट छात्रों के लिए स्कॉलरशिप की योजना है। अब तक 200+ छात्रों को फेलोशिप दी गई है और 174 ITI व पॉलिटेक्निक संस्थानों को AI लैब्स के लिए नामित किया गया है।
6. IndiaAI स्टार्टअप फाइनेंसिंग: देसी इनोवेशन को ग्लोबल विंग्स
‘IndiaAI Startups Global’ कार्यक्रम के तहत भारत सरकार ने Station F और HEC Paris के साथ साझेदारी की है। इसके जरिए 10 भारतीय AI स्टार्टअप्स को यूरोपीय बाज़ार में प्रवेश और विस्तार में मदद मिल रही है।
7. Safe & Trusted AI: नैतिक और पारदर्शी AI की दिशा में कदम
Explainability, डेटा प्राइवेसी, बायस मिटिगेशन और AI गवर्नेंस जैसे विषयों पर 8 शोध परियोजनाओं को फंडिंग दी गई है। मई 2025 में ‘IndiaAI Safety Institute’ की स्थापना के लिए Expression of Interest जारी किया गया।
वैश्विक AI मंच पर भारत की सशक्त मौजूदगी
भारत अब केवल नीति निर्माता नहीं, बल्कि वैश्विक AI विमर्श का दिशा-निर्देशक बनता जा रहा है।
- भारत Global Partnership on Artificial Intelligence (GPAI) का संस्थापक अध्यक्ष है।
- G20 में एथिकल AI पर वैश्विक सहमति बनाने में भारत ने नेतृत्व किया।
- फरवरी 2026 में भारत AI Impact Summit की मेज़बानी करेगा, जिसमें वैश्विक सरकारें, टेक कंपनियां और स्टार्टअप्स AI के भविष्य की दिशा तय करेंगे।
स्टार्टअप भारत के लिए स्वर्णिम अवसर
India AI Mission यह स्पष्ट करता है कि AI सिर्फ मेट्रो शहरों या बड़ी कंपनियों की संपत्ति नहीं है। यह भारत के टियर-2, टियर-3 शहरों, गांवों और स्थानीय उद्यमियों के लिए भी एक बड़ा हथियार बन सकता है।
AI आधारित स्टार्टअप्स, छात्रों और इनोवेटर्स के लिए यह एक ऐतिहासिक मौका है—जहां वे न सिर्फ रोजगार पैदा कर सकते हैं, बल्कि भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर और वैश्विक नेतृत्वकर्ता बना सकते हैं।